गुरुवार, मई 28, 2009

गुफ्तगु - देश के सबसे युवा सांसद हमदुल्‍ला सईद से...


देश के सबसे छोटे लोकसभा क्षेत्र लक्षद्वीप से जीतकर आए 26 वर्षीय हमदुल्ला सईद पंद्रहवीं लोकसभा में सबसे युवा चेहरे हैं। हमुदल्‍ला के दिवंगत पिता पी.एम. सईद ने इस लोकसभा सीट का लगातार 37 साल तक प्रतिनिधित्‍व किया। चौदहवीं लोकसभा के चुनावों में वे महज 71 वोटों से हार गए थे, पर उनके बेटे ने पूरा हिसाब चुकता कर लिया है। कानून की पढ़ाई पढ़ चुके हमदुल्‍ला अपने पिता के कामों को तो आगे बढ़ाने से इतर बहुत कुछ करना चाहते हैं। पिछले दिनों हुई बातचीत में उन्‍होंने इन्‍हीं का जिक्र किया। प्रस्‍तुत है उनसे हुई गुफ्तगु के मुख्‍य अंश-


लोकसभा में सबसे कम उम्र सांसद होने के नाते आप सेलिब्रिटी बन गए हैं, कैसा अनुभव कर रहे हैं?

- मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा है। सबका अटेंशन मुझे मिल रहा है। मीडिया, बाकी सांसद सब मुझसे बात कर रहे हैं और मेरी योजनाओं के बारे में पूछ रहे हैं। शुरूआत में थोड़ा दबाव महसूस कर रहा था, पर अब एकदम सहज हूं।


पढ़ाई करते-करते राजनीति में आने का मन कैसे बना?
- इंडियन सोसायटी कॉलेज पुणे से लॉ में ग्रेजुएशन करने के बाद मैं मास्टर्स डिग्री के लिए यूनाइटेड किंगडम जाने वाला था, लेकिन इतने में ही पिताजी की मृत्यु हो गई। उनके चले जाने के बाद क्षेत्र की जनता ने मुझ पर काफी प्रेशर बनाया कि मैं अपने पिता के कामों को आगे बढ़ाऊं। आखिरकार लोगों की भावनाओं की कद्र करते हुए मैंने चुनाव लडऩे का फैसला किया। राहुल गांधी तो काफी दिनों से चुनाव लडऩे के लिए पहले से ही कह रहे थे। वैस राजनीति मेरे लिए नई नहीं है। मेरे पिता लक्षदीप से लगातार 37 साल तक सांसद रहे। मैं स्वयं स्टूडेंट रहते हुए राजनीति में सक्रिय रहा।


राजनीति में आने का मकसद क्या है?
- जनप्रतिनिधि का एक ही काम होता है, लोगों की सेवा करना। क्षेत्र की जनता बड़ी उम्मीदों के साथ अपना नेता चुनती है। मैं किसी चमत्कार का दावा तो नहीं करता, पर जनता के लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगा और उनकी समस्याओं के शीघ्र निराकरण का अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रयास करुंगा।


इस बार लोकसभा में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है, इसे आप किस रूप में देखते हैं?
- यूथ हमारे देश का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। जब वह वाकी क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रहा है तो राजनीति इससे क्यों अछूती रहे। यदि नौजवान लोग राजनीति में ज्यादा आएंगे तो देश का कायाकल्प हो जाएगा, क्योंकि उनमें जोश होता है और काम करने का जज्बा भी। मैं यह नहीं कह रहा कि बुजुर्ग नेताओं को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए, वे भी हमारे साथ रहें। मेरे हिसाब से तो युवा और अनुभवी नेता मिलकर देश में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।


तो क्या आप युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित करेंगे?
- युवाओं को अपनी जिम्मेदारी खुद समझनी चाहिए। राजनीतिक दल सिर्फ मौका दे सकते हैं। काम तो युवाओं को ही करना है। वैसे हमारी पार्टी युवाओं पर पूरा फोकस कर रही है। लोकसभा चुनाव में भी नौजवानों को खूब टिकट दिए गए, इनमें से ज्यादातर जीत कर भी आए। राहुल गांधी चाहते हैं की ज्यादा से ज्यादा युवा राजनीति में आए। मैं भी उनकी मुहिम से जुड़ा हुआ हूं। हम देश भर में ऐसे युवाओं को तलाश रहे हैं जो राजनीति में अच्छा कर सकते हैं।


देश के विकास को लेकर आपका क्या सपना है?
- दुनिया में हमारे देश की स्थिति लगातार मजबूत होती जा रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि आने वाला समय हमारा है, लेकिन इसके लिए हमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि व परिवहन की दिशा में बहुत काम करने की जरूरत है। करोड़ो लोग अभी भी शिक्षा से वंचित हैं, कुपोषण के शिकार हैं और बेरोजगार हैं। एक कृषि प्रधान देश के लिए इससे बदतर और क्या हो सकता है कि अभावों में उसे आत्महत्या करनी पड़ती है। यह सच्चाई है जिसे हमें स्वीकारना होगा और सुधार करना होगा।


महिलाओं के उत्थान के लिए आप क्या करना चाहेंगे?
- देश में महिलाओं की स्थिति निश्चित रूप से दयनीय है। मेरे हिसाब से महिला उत्थान के लिए सबसे अच्छा जरिया शिक्षा है। शिक्षा का स्तर बढऩे पर बाकी चीजे अपने आप ठीक होने लगती हैं। मेरे स्वयं के सात बहिनें हैं। सबने अच्छी पढ़ाई की तो अच्छी पोजीशन पर हैं, चार तो डॉक्टर हैं।


आप काफी धार्मिक प्रवृत्ति के लगते हैं, आपके मोबाइल नंबर की अंतिम तीन अंक भी 786...
- मेरे नजरिए से धार्मिक होना अच्छी बात है। मैं नियमित रूप से नमाज पढ़ता हूं। इससे मुझे शांति तो मिलती ही है और मैं अनुशासित भी रहता हूं। जहां तक मोबाइल नंबर में 786 का सवाल है, मुझे यह नंबर लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।

राजनीति के अलावा और क्या अच्छा लगता है?
- मुझे पढऩा काफी पसंद है। वक्त मिलने पर मैं घंटों तक पढ़ता हूं। नामचीन लेखकों के अलावा नए लेखकों को भी मैं खूब पढ़ता हूं। अरविंद अडिगा ने मुझे काफी प्रभावित किया। इसके अलावा म्युजिक सुनना भी पसंद है। लाइट म्युजिक सुनना अच्छा लगता है।


चुनाव जीतने के बाद आपकी लाइफ स्टाइल में कितना बदलाव आया?
- मैं काफी बदलाव महसूस कर रहा हूं। जाहिर तौर पर पहले से ज्यादा व्यस्त हो गया हूं। लोग मिलने भी खूब आते हैं और मोबाइल पर काल्स भी। व्यस्त होना मुझे पहले से ही पसंद है, इसलिए सब अच्छा लग रहा है। एक बदलाव मेरे पहनावे में भी आया है। पहले जींस-टीशर्ट पहनता था, अब कुर्ता-पायजामा पहनता हूं।


शादी के बारे में क्या सोचा है?
- अरे यार! अभी शादी की उम्र ही कहां हुई है। इस बारे में अब तक कुछ भी नहीं सोचा है। अभी काफी जिम्मेदारियां हैं, पहले उन्हें निभाना है फिर शादी के बारे में देखेंगे।

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