मंगलवार, नवंबर 11, 2008

गुफ्तगु - पूर्व मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के साथ

इस बार टिकट वितरण में आपकी और सी. पी. जोशी की ज्यादा चली?
- ऐसा कुछ नहीं है। कांग्रेस में टिकट वितरण एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जाता है। पहले पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट के आधार पर पैनल बनाया जाता है। पैनल में से स्क्रीनिंग कमेटी जिताऊ उम्मीदवार का नाम तय करती है। कोई एक व्यक्ति टिकट तय नहीं करता है।

फिर इतना विरोध क्यों हो रहा है?
- देखिए, यह विरोध नहीं कार्यकर्ताओं की भावनाएं हैं। एक स्थान से कई लोग चुनाव लडऩा चाहते हैं। जीतने की स्थिति में भी कई लोग हैं, लेकिन टिकट तो एक व्यक्ति को ही मिलेगा। टिकट नहीं मिलने पर थोड़ी-बहुत निराशा सबको होती है।

उनका क्या जिन्होंने बागी के रूप में चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है?
- ऐसा कोई नहीं है। यह भावनात्मक विरोध है। पार्टी के लिए सब महत्त्पूर्ण है। हम उन्हें मना लेंगे। सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को सत्ता में लाकर रहेंगे। जनता भारतीय जनाता पार्टी के कुशासन से तंग आ चुकी है। लोग बदलाव चाहते है। इस बदलाव के लिए कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है....

कोई विरोध नहीं है तो कांग्रेस मुख्यालय में तोडफ़ोड़ क्यों हो रही है?
- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोई तोडफ़ोड़ नहीं की। हमारी पार्टी का वर्कर गांधी-नेहरू की तस्वीरों के साथ तोडफ़ोड़ कैसे कर सकता है? यह सब अराजकता फैलाने वाले तत्वों का काम है। हमने उनके खिलाफ तोडफ़ोड़ का मामला भी दर्ज करा दिया है। साथ ही मुख्यालय पर सुरक्षा भी बढ़ी दी है।

परसराम मदेरणा ने भी तो विरोध किया है?
- मदेरणा जी पार्टी के वरिष्ठ नेता है। उन्होंने हमेशा पार्टी को मजबूत करने का काम किया है। जिसे आप विरोध बता रहे हैं, वह उनकी सलाह है। यह उनका काम भी है। यदि हमसे कहीं कमी रह जाती है तो पार्टी के बुजुर्ग नेता मार्गदर्शन नहीं करेंगे तो कौन करेगा। मेरे मुख्यमंत्री बनने में भी उनका बहुत सहयोग रहा।

उनका आरोप है कि किसानों को ज्यादा तवज्जों नहीं मिली।
- कांग्रेस ने हमेशा से किसानों को पूरा प्रतिनिधित्व दिया है। पहले घोषित की गईं 146 सीटों के आंकड़े में आपको दे सकता हूं। इन सीटों में से सर्वाधिक 57 सीटें किसानों को दी गई हैं।

कांग्रेस सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री कौन होगा?
- कांग्रेस में मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने की परंपरा नहीं है। चुनावों के बाद विधायक जिसे अपना नेता चुनेंगे वही मुख्यमंत्री होगा। इतना तय मानिए राज्य में भारतीय जनता पार्टी का सफाया होने वाला है और कांग्रेस सत्ता संभालने वाली है। अब मुख्यमंत्री कोई भी बने इससे क्या फर्क पड़ता है।

आप मुख्यमंत्री की दौड़ में कितने आगे हैं?
- यहां कोई आलंपिक थोड़े ही हो रहे हैं। मैं कांग्रेस का अनुशासित व समर्पित सिपाही हूं। पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी है मैंने पूरी शिद्दत के साथ निभाई है। आगे पार्टी जो भी जिम्मदारी देगी मैं पूरी करूंगा।

आजकल आलाकमान आपसे क्यों नाराज है?
- किसी की कोई नाराजगी नहीं है। खाली मीडिया ने भ्रम फैला रखा है।

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