tag:blogger.com,1999:blog-1242141959182465150.post930310032115173776..comments2023-05-15T20:08:18.636+05:30Comments on रोज़नामचा: जुबान संभालिए मौलाना साब...कौन हूं मैं?http://www.blogger.com/profile/02254385166061210513noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1242141959182465150.post-27086164947251491052010-03-17T19:13:18.126+05:302010-03-17T19:13:18.126+05:30अधिकतर यही तो होता है औरतो के साथ!
कहीं धर्म की आड...अधिकतर यही तो होता है औरतो के साथ!<br />कहीं धर्म की आड़ में,कहीं अधर्म के बहाने!<br />पुरुष सदा से ही स्वयम को श्रेष्ठ कहता आया है नारी से!<br />हाँ कुछ जिम्मेदारों को बचना चाहिए ऐसा कुछ भी सार्वजनिक रूप से कहने से!<br />इस से उनकी सच्चाई सामने आने का डर बना रहता है ना,बस इसीलिए!<br />कुंवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.com